



दिल्ली-अप-टु-डेट। नई दिल्ली। बढ़ते प्रदूषण के कारण सरकार डीजल वाहनों की संख्या सीमित करना चाहती है, जिससे दिल्ली-एनसीआर में इनके इस्तेमाल को कम किया जा सके। एनसीआर में पारस्परिक सामान्य परिवहन समझौते के लिए बनी कमेटी ने भी माना है कि एनसीआर में सीएनजी स्टेशनों की संख्या पर्याप्त नहीं है, इसलिए एक वर्ष के अंदर यहां 40-50 सीएनजी स्टेशन खोलने का लक्ष्य है।
एनसीआर में शामिल राज्यों के कमिश्नर ऑफ ट्रांसपोर्ट का मानना है कि इसके लिए चरणबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है। खासकर यूपी, हरियाणा, राजस्थान को विशेष तौर पर प्रयास करने होंगे। मौजूदा समय में दिल्ली के अंदर सीएनजी स्टेशन की संख्या कुछ बेहतर है, लेकिन एनसीआर के बाकी हिस्से में पर्याप्त स्टेशन नहीं हैं। पारस्परिक सामान्य परिवहन समझौते के तहत तीन वर्ष में दिल्ली और सीमा साझा करने वाले जिलों में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल की समय-सीमा तय की गई हो। एनसीआर के बाकी जिलों को सात वर्ष में लक्ष्य को हासिल करना होगा।
आपको बता दे , निर्धारित लक्ष्य के तहत एनसीआर प्लानिंग बोर्ड भी एमओपीएनजी के माध्यम से सीएनजी स्टेशन को सुविधा प्रदान करने की दिशा में प्रयास कर रहा है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने भी एनसीआर में शामिल राज्यों को सीएनजी स्टेशन खोलने के लिए जमीन और अन्य एनओसी मुहैया कराने के संबंध में सहयोग के लिए कहा है। इसके साथ ही मंत्रालय के माध्यम से पेट्रोलियम कंपनियों से कहा है कि वे आवंटित जिलों में जल्द से जल्द सीएनजी पंप शुरू करें।