



दिल्ली-अप-टु-डेट। नई दिल्ली। देश में गर्मी और उमस का सितम जारी है तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही उमस ने लोगों को सताना शुरू कर दिया हैं, इस साल बढ़ती गर्मी ने लोगों को मार्च से ही परेशान करना शुरू कर दिया, लू का कहर मार्च के अंत से ही शुरू हो गया है। राजधानी के कई हिस्सों में पारा 40 पार कर गया, इसी के साथ ही बिजली की खपत भी काफी बढ़ गई है। दिल्ली सरकार ने बिजली विभाग को अलर्ट किया है और दिल्ली में 24 घंटे लाइट आपूर्ति करने का आदेश दिया है।
भारतीय मौसम विभाग अनुसार 12 अप्रैल तक लोगों को भीषण गर्मी से कोई राहत नही मिलेगी। हाल ही में दिल्ली ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने भीषण गर्मी के दौरान बिजली की बढ़ती मांग से निपटने के लिए बिजली विभाग, वितरण कंपनियों और अन्य विभागों के अधिकारियों की एक बैठक की। बैठक के बाद अधिकारियों ने कहा कि इस साल पीक डिमांड, जो 2021 में 7,323 मेगावाट थी, के 8,200 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है।
बता दें कि अगले सात दिनों के लिए विभाग ने हीटवेव की स्थिति की भविष्यवाणी की है। तापमान 8 से 10 अप्रैल के बीच और बढ़ने की संभावना है। 29 मार्च से दिल्ली के कुछ हिस्सों में लू चल रही है और कुछ मौसम केंद्रों पर अधिकतम तापमान 40-42 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हो रहा है, लेकिन सफदरजंग के बेस स्टेशन में इस मौसम में अभी तक हीटवेव दर्ज नहीं की गई है। आईएमडी वेदर के मुताबिक हीटवेव तब होती है जब अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस और सामान्य औसत से 4.5 डिग्री या अधिक होता है। हीट वेव में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक छूने वाला भी शामिल है। अधिकतम 6.5 डिग्री और औसत से अधिक होने पर ‘गंभीर’ हीटवेव घोषित की जाती है।
अप्रैल के पहले पांच दिनों में दिल्ली में सबसे ज्यादा बिजली की मांग 4,638 मेगावाट रही है, यह पूरे अप्रैल 2021 में दर्ज की गई। अधिकतम बिजली मांग से 6% अधिक है, जो 4,372 मेगावाट थी। पीक बिजली की मांग पहली बार 2018 में 7,000 मेगावाट से अधिक हो गई थी और अगर यह इस गर्मी में 8,200 मेगावाट से अधिक हो जाती है, तो यह 2002 में 2,879 मेगावाट की पीक बिजली की मांग से लगभग 285% की वृद्धि होगी।